विकास खंड कुनिहार के अन्तर्गत 45 पंचायतों में कुल जनसंख्या लगभग 1,13,859 है जिसमें से लगभग 45 हजार लोग मोबाइल उपभोक्ता है और उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। मोबाइल टावर से रोजाना हजारों इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन निकलता है यह रेडिएशन लोगों को दिखाई नहीं देता। परंतु यह रेडिएशन मानसिक व शारीरिक से कमजोर जो बना बना देती है। इससे होने वाले दुष्परिणाम धीरे-धीरे सामने आते हैं क्योंकि मोबाइल टावर कंपनियां अपनी बेहतर सुविधा देने के लिए टावर रेडिएशन के मानक को संतुलन में नहीं रखते परन्तु उस का लेवल बढ़ा देते है लोगों को सुविधा तो अच्छी मिल जाती है परंतु अगर कोई व्यक्ति 1 घंटे से ज्यादा बात कर ले तो उसे ब्रेन कैंसर होने का खतरा उतना ही बढ़ जाता है। सबसे ज्यादा प्रभाव मोबाइल टावर के आसपास निवास करने वाले लोगों पर होता है क्योंकि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन मानव शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है इससे बचने के लिए टावर से लगभग 400 मीटर की दूरी पर निवास होना चाहिए। परंतु कुनिहार क्षेत्र में ऐसे भी टावर है जिनके ठीक नीचे बहुत से परिवार बसर करते हैं। जो कि रेडिशन के संपर्क में सबसे पहले आते हैं।
मानक से अधिक रेडिएशन
रेडिएशन के खतरे से बचने के लिए मोबाइल टावर के रेडिएशन का आदर्श मान 01 मिली वार्ड प्रति वर्ग मीटर माना गया है कुनिहार क्षेत्र में सिर्फ बीएसएनल के टावर का रेडिशन मान ही उचित है जबकि बाकी निजी कंपनी के मोबाइल टावर का रेडिएशन मानक काफी अधिक है मोबाइल कंपनी अधिक से अधिक दूर तक कवरेज करने के लिए उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए टावर के मानक स्तर को बढ़ा देती है। परंतु उसके आसपास बसर कर रहे लोगों के लिए वह रेडिएशन बहुत ही हानिकारक है।
इसी विषय बारे जब जीटीओ कुनिहार हेमंत कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अधिक रेडिएशन लेवल हानिकारक है बीएसएनएल के टावर रेडिशन की जांच हम समय-समय पर करते हैं। और इसके रेडिएशन लेवल को हम सामान्य रखते है उन्होंने बताया कि बीएसएनएल के आला अधिकारी मोबाइल टावरों का निरीक्षण भी करते अगर रेडिएशन लेवल ज्यादा पाया जाए तो जुर्माना भी भुगतान पड सकता है उन्होंने कहा कि निजी कंपनी के टावर में मानक की जानकारी नहीं है
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