एक ऐसा चमत्कारी औषधि पौधा, जो करता है सभी रोगों से मुक्त



काया को कंचन करने वाला कचनार का पौधा




हिमाचल प्रदेश में कचनार के पौधे हर जिले में पाए जाते हैं इस पौधे के बहुमूल्य उपयोग भी हैं इसकी छाल फूल वह पत्तियां तीनों ही दवा के रूप में उपयोग की जाती है कचनार के पौधे में हल्के लाल गुलाबी रंग  के फूल व कई पौधौं में सफेद रंग के फूल उगते हैं।  यह एक चमत्कारी औषधि पौधा है।  जिसके आयुर्वेद में बहुत से लाभ बताए गए।  जैसा कचनार का नाम है वैसे ही इसके फायदे भी हैं कचनार मतलब काया को कंचन करने वाला।  कचनार का अकेला  पौधा शरीर के हर रोगों को नष्ट करने की क्षमता रखता है

कचनार के पौधे की छाल के फायदे 




                                                                             
गर आप कचनार के मोटे पौधे की छाल ले और उसका काडा बनाकर  एक कप सुबह और एक कप शाम को ले तो आपके शरीर में जितनी भी बीमारी हैं वह मल के माध्यम से बाहर निकल जाएंगी।



कचनार के फूल के फायद



कचनार के फुल  को सुखाकर उसकी गुलकंद बनाई जाती है दिमाग में कोई भी अशांति, पेट दर्द, एसिडिटी, मल में जलन व मल गाडा हो इसको खाकर सभी रोग दूर हो जाते हैं।इसके फुल को सुखाकर इसके काडे का कुर्ला करने से मुह में छाले, दाड हिलती हो,गले का दर्द या दांतो में किसी प्रकार का दर्द को ठीक कर देता है।

कचनार के जड के फायदे

कचनार की जड का अगर काडा  बनाकर पिया जाए तो लिवर किडनी व रक्तशोधक है किसी भी प्रकार की किडनी में तकलीफ है लीवर में तकलीफ है पेट में अल्सर हो गया हो अगर इस का 10 से 15 दिन उपयोग करेंगे तो आपको अत्यंत चमत्कारी लाभ प्राप्त होगा। 

कचनार की पत्तियों के फायदे

अगर किसी नवयुवक को स्वपनदोष की दिक्कत है तो इसकी पत्तियों को सुखाकर चुर्ण बनाकर खाने  से ठीक हो जाएगा।  महिलाओं को मासिक धर्म अधिक मात्रा में  आ रहा हो तो इसकी पत्तियों का काडा बनाकर पीने से बहुत लाभ मिलेगा। 

कचनार के फूल, पत्ती, जड़, छाल व कली के फायदे

कचनार के फूल, पत्ती, जड, छाल व कली पांचों को सुखाकर अगर इसका पाउडर बना दिया जाए  और इसका एक चम्मच खाली पेट सुबह और एक चम्मच शाम को लिया जाए तो आपके शरीर में  मोटाप व अत्च्यधि चर्बी बन  गई हो इसके  सेवन से चर्बी मल के माध्यम से गायब हो जाएगी।  इसका यह एक विशेष गुण है

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