पिता की मौत के बाद मां ने मेहनत करके बेटी को पाला, 21 साल उम्र में बन गई डिप्टी कलेक्टर


मेहनत कभी विफल नहीं होती..आज नहीं तो कल मेहनत का फल आपको जरूर मिलेगा। अगर मन में सच्ची लगन और मेहनत का दम हो तो कोई आपको सफल होने से रोक नहीं सकेगा। इसी कहावत को यही साबित किया मध्यप्रदेश की एक होनहार बेटी निकिता ने। खरगौन शहर के कुंदा नगर में रहने वाली निकिता ने पहले ही प्रयास में पीएससी की परीक्षा पास की और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं। पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, निकिता ने एसटी वर्ग में एमपी में टॉप किया और प्रदेश में ओवर ऑल 23 रैंक हासिल की।
भगवानपुरा ब्लॉक के सुखपुरी में मंडलोई का परिवार हैं। निकिता के पिता मंगलसिंह टीचर थे और उन्होंने बेटी को डिप्टी कलेक्टर या कलेक्टर बनाने का सपना देखा था। कुछ सालों पूर्व कुंदा नगर में मकान बनाकर यही बस गए। सात वर्ष पूर्व पिता का देहांत हो गया। जिसके चलते तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी मां राधा मंडलोई के कंधों पर आ गई। सिर से पिता का साया उठने के बाद भी निकिता ने हिम्मत नहीं हारी और अच्छे तरह पढ़ाई कर पिता का सपना पूरा किया। अपनी बेटी की इस सफलता पर परिवार के हर सदस्य खुशी से गदगद हैं। निकिता की प्रारंभिक पढ़ाई शहर के विद्यालय में हुई। इसके बाद उसने इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से बायो मेकेनिकल में इंजीनिरिंग की।
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उसका चयन प्राइवेट कंपनी द्वारा किया गया। जिसके द्वारा लाखों के पैकेज पर विदेश में नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन निकिता ने इस ऑफर को छोड़ दिया और पीएससी की तैयारी में जुट गई। बकौल, निकिता ढाई साल की मेहनत में परीक्षा पास कर ली। निकिता ने अपने संदेश में कहा कि पढ़ाई के दौरान लक्ष्य तय उसे हासिल करने की जिद हर विद्यार्थी में होना चाहिए। जिससे मुश्किल से मुश्किल समय मेंं भी आप सफल होंगे।

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