भारत वर्ष में हिमाचल,उत्तराखंड पहाड़ी राज्य होने के कारण देव भूमी के नाम से विख्यात है।देव भूमी होने के कारण यंहा स्थित मंदिर गुफाएं अपने आप मे इतिहास संजोए हुए है।जिनकी लोगों के बीच बहुत मान्यता है। बहुत से मंदिरों को इनकी अजीबो गरीब प्रथाओ की वजह से ख्याति मिल जाती है। जिला सोलन के अर्की जनपद के एक ऐसे मंदिर के बारे में कुछ ऐसी रोचक जानकारी है,जिसे सुनकर हर एक शख्स हतप्रभ रह जाता है।
ऐसा ही एक मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी मे हिमाचल प्रदेश के अर्की में 1621 में बनाया गया था।ये मंदिर प्रदेश सहित देश भर में काफी प्रसिद्ध है व आज विश्व मानचित्र पर अपनी उपस्तिति दर्ज करवा चुका है। इस मंदिर में भगवान शिव की प्राकृतिक शिवलिंग पिंडी है,जिसे लोग लुटरू महादेव के नाम से भी जानते हैं।लुटरू महादेव के इस प्राकृतिक पिंडी की खासियत है, कि यहां शिवभक्त रोजाना जल, धतुरा,भांग चढ़ाने नहीं बल्कि सिगरेट चढ़ाने आते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि शिव की पिंडी पर सिगरेट रखते ही वह सुलगने लगती हैं और उसी समय शिव भक्त भोले भंडारी के जयकारे लगाते हुए शिव भक्ति में लीन हो जाते है।
अर्की जनपद के लोगों का मानना है कि यहां के लुटरू महादेव को सिगरेट का शौक हैं और वह सिगरेट पीना पसंद करते हैं।इस वजह से यहां पर काफी ज्यादा संख्या में लोग हर रोज पहुंचते है। सभी भक्त शिवलिंग के आस-पास बने गड्ढे में सिगरेट चढ़ाकर जाते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं। इस गुफा में मान्यता है,कि सिगरेट चढ़ाने और मन्नत मांगने से सभी के काम सफल हो जाते हैं और भोले शंकर के जयकारे लगाने से भगवान शिव प्रसन्न हो कर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है।शिव रात्री पर्व पर तो यंहा पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है।
@ akshresh sharma
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CULTURE
As a resident of Arki, I can say you have mention wrong facts about Lutru Mahadev.
जवाब देंहटाएंm also from arki....👏
जवाब देंहटाएंThat doesn't justify that this article is right.
हटाएंI think aap shayad lutru Mahadev guffa nhi gye....
जवाब देंहटाएंAnd I think you exaggerate this article.
हटाएंIt is true that this incident could be happened but it is not all about Lutru Mahadev.
जवाब देंहटाएंWell, the article is good and if you own this website then we both may should have a meeting.
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