सोलन जिला के अर्की दानोघाट में महाभारत काल में भीम द्वारा फेंके गए पत्थर का प्रत्यक्ष प्रमाण

पत्थर करोड़ो वर्षो से इसी स्थान पर एक पत्थर पर विद्यमान

महाभारत काल से जुड़ी घटनाओं के प्रत्यक्ष प्रमाण आज भी प्रदेश में देखने को मिलते है । ऐसा ही एक प्रत्यक्ष प्रमाण अर्की के दानोघाट स्थित एक शिला पर दूसरी विशालकाय शिला को देखने से मिलता है । कहा जाता है कि यह शिला अज्ञातवास के दौरान भीम ने धामी से गुलेल के जरिये यहाँ फेंकी थी जो आज भी हजारों वर्षों से यही स्थापित है।यह पत्थर करोड़ो वर्षो से इसी स्थान पर एक पत्थर पर विद्यमान है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब पांडव अज्ञात वास के दौरान हिमाचल के धामी आये थे तो भीम ने गुलेल से यह पत्थर पैंका था जो अर्की के दानोघाट में जाकर एक शिला पर अटक गया था ।



भारी भरकम इस पत्थर को देखने से सभी आश्चर्यजनक रह जाते है कि यह इस पर आज दिन तक कैसे टिका है। शिमला-बिलासपुर नैशनल हाईवे से कुछ दूरी पर स्थित ढलानदार जगह पर एक पत्थर पर टिके इस अद्भुत विशालकाय पत्थर को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है।स्थानीय लोगों की माने तो यह पत्थर सदियों से इसी जगह पर विराजमान है । कहा जाता है कि भीम ने गुलेल से इस पत्थर को धामी से यहां फैंका था ।अगर सरकार इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करे तो यह एक पर्यटक स्थल बन सकता है

आंधी-तूफान व भूकंप आने पर भी इस पत्थर को आज दिन तक कोई नुकसान नही पहुंच पाया है । कुदरत के इस नजारे को विकसित करने के लिए अगर सरकार कोई प्रयास करे तो इसे आने वाले समय में पर्यटन की दृष्टि से विकसित करके जहाँ स्थानीय लोगों को आजीविका कमाने का अवसर प्राप्त होगा वहीँ सरकार के राजकोष में वृद्धि होगी।

@ rakesh kumar

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