कोरोना संक्रमण से बचने के लिए "आरोग्य सेतु एप" बना सुरक्षा कवच


शिमला (कंचन शर्मा)

14 अप्रेल को कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग में लाक डाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धैर्य व नियमों के पालन का आवाहन किया व राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए सात बातों में देशवासियों का सहयोग मांगा जिसमें  से चतुर्थ अहम बात कोरोनावायरस का फैलाव रोकने के लिए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने व दूसरों को भी यह एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करने का संदेश है जो इस कोरोना नामक अदृश्य शत्रु का पता लगाने के लिए एक शस्त्र की भांति कार्य कर रहा है।
इसके महत्त्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोग्य सेतु नामक यह एप मात्र 13 दिनों में 5 करोड़ लोगों द्वारा डाउनलोड करने वाला विश्व का पहला रिकॉर्ड  एप बन चुका है। 

नीति आयोग के एक अधिकारी के ट्विट में इस बात का ज़िक्र किया गया कि टेलिफोन को 5 करोड़ लोगों तक पहुंचने के लिए 75 वर्ष, रेडियो को 38 वर्ष, टेलिविजन को 13 साल , इंटरनेट को 4 वर्ष, फेसबुक को 19 माह,पोकेमान को 19 दिन व आरोग्य सेतु एप को 5 करोड़ लोगों द्वारा डाउनलोड करने में केवल 13 दिन लगे जिसने न केवल एक विश्व रिकॉर्ड का कीर्तिमान  स्थापित किया अपितु इससे आरोग्य सेतु एप के महत्त्व का आकलन भी होता है।

यह एप न केवल हमारे आसपास मौजूद कोरोना संक्रमित मरीजों के बारे में सावधान करता है अपितु साथ में इस संक्रमण के खतरे के स्तर को भी बताता है।


आरोग्य सेतु एप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है।  इस एप स्टोर के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है। सुनिश्चित करना जरुरी है कि आरोग्य(Aarogya) और सेतु (Setu) के बीच कोई स्थान न हो या इस एप को सर्च करने के लिए ' 'AarogyaSetu'टाइप करें।
आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने पर यह  हमसे खांसी,सर्दी, बुखार,सांस लेने में तकलीफ,ट्रेवल हिस्ट्री आदि की जानकारी लेता है। जरुरी यह है कि हम इसमें बिल्कुल सही जानकारी दें।

क्योंकि यह एक कांटेक्ट ट्रेसिंग एप है जो रक्षा कवच की तरह हमारे लिए काम करता है।इस एप का डाउनलोड बिल्कुल फ्री है व यह ग्यारह भाषाओं में जानकारी लेता व देता है। अगर किसी को  कोरोनावायरस  होता है तो यह एप हमें यह बताने में सहायता करता है कि पिछले चौदह दिनों में हम किस किस से मिले।

बहुत से लोगों में यह भ्रांति है कि यह एप हमारी प्राइवेसी के अधिकार का हनन करता है पर सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं है यह एक सहायक एप है जिसमें डाटा केवल 30 दिन तक रहता है फिर सर्वर से हटा दिया जाता है। यहां तक कि कोई कोविड पेशेंट है भी तो भी उसका डाटा सीक्रेट रखा जाएगा और ऐसे पेशेंट का डाटा भी 60 दिनों बाद हटा दिया जाएगा क्योंकि इतनी अवधि में उस पेशेंट का इलाज व उपचार हो चुका होगा।महत्त्वपूर्ण तो यह है कि यह एप हमें हमेशा ब्लू टूथ व लोकेशन आन रखने को कहता है और ऐसा करने पर जब हम किसी भीड़ भाड़ वाली जगह जाते हैं तो यह ब्लू टूथ के माध्यम से आसपास के मोबाइल से संदेश देता रहता है। 
यह एप हरे व पीले रंग के कोडों में हमारे जोखिम के स्तर को  तो बताता है ही साथ में यह भी सुझाव देता है कि हमें क्या करना चाहिए।अगर हमें हरे रंग में दिखाया जाता है और बताया जाता है कि हम सुरक्षित हैं तो कोई ख़तरा नहीं।पीला रंग दिखना खतरे की घंटी है यानि बहुत जोखिम है और हमें हेल्पलाइन से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।इस तरह
यदि हमारे अलावा आसपास के सभी लोग ग्रीन जोन के हैं तो सब सामान्य रहेगा और अगर आस पास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति हुआ तो इसका रंग तुरंत संतरी या पीला हो जाएगा जिससे हम तुरंत सावधान हो जाएंगे और साथ ही यह एप संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की भी जानकारी देगा।इसके लिए जरूरी है कि हम सब इस एप को डाउनलोड करें और इसमें पूछी गई जानकारी सही भरें तभी इसकी सार्थकता है अन्यथा सुरक्षा चेन टूटने का खतरा मंडराता ही रहेगा।इस एप में'सेल्फ असेसमेंट टेस्ट'फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें यूजर की सेहत और लक्षण से कुछ सवाल जवाब किए जाते हैं।हेल्पलाइन का नंबर लेने के लिए हमें कोविड-19 हेल्थ सेंटर बटन पर क्लिक करना होगा और अपने शहर की लोकेशन तक पहुंचने के लिए स्क्रालडाउन करना होता है।


यह तभी काम करता है जब हम मोबाइल नंबर को रजिस्टर करते हैं और ओटीपी से उसे वेरिफाई करते हैं। इसमें एक वैकल्पिक फार्म भी आता है जो हमारा नाम, उम्र,व्यवसाय व पिछले 30 दिन की विदेश यात्रा के बारे में पूछता है। यही नहीं अगर हम  कोरोना वालेंटियर बनने की इच्छा रखते हैं तो इस एप में हमारे पास खुद को नामांकित करने का विकल्प भी है।
आरोग्य सेतु एप को ब्लूटूथ व जीपीएस डेटा की जरूरत होती है और इस एप को काम करने के लिए हमें इसकी अनुमति देनी होती है। आरोग्य सेतु कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए हमारे मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ व लोकेशन डेटा का उपयोग करता है और बताता है कि हम कोरोना के जोखिम के दायरे में है या नहीं जो कि हमारी सुरक्षा के लिए अत्यंत ज़रूरी है।
कोरोना वायरस एक ऐसा अदृश्य शत्रु है जिसके बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल है यहां तक कि व्यक्तिगत तौर पर भी यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि हम कोरोना संक्रमित तो नहीं या हम जिनसे मिले या आसपास रहे उनमें कोई कोरोनावायरस संक्रमण तो नहीं ऐसे में आरोग्य सेतु एप एक ऐसा सुरक्षा कवच बनकर हमारे पास पहुंचा है बस जरूरत है तो केवल इसे डाउनलोड कर इसका इस्तेमाल करने की ।




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